अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में कई मिशन सफलताओं की कहानियां लिखते हैं, तो कुछ असफलता के बावजूद दशकों तक चर्चा में बने रहते हैं। ऐसा ही एक अध्याय सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान Kosmos 482 (कॉसमॉस 482) का है, जो अपने मूल मिशन में विफल होने के 53 साल बाद हाल ही में पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश कर चर्चा का विषय बन गया।
Kosmos 482, जिसे मूल रूप से शुक्र ग्रह (Venus) पर उतरने के लिए डिज़ाइन किया गया था, 31 मार्च 1972 को लॉन्च किया गया था। यह सोवियत संघ के महत्वाकांक्षी Venera (वेनेरा) कार्यक्रम का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य शुक्र ग्रह के वातावरण और सतह का अध्ययन करना था। हालांकि, लॉन्च के बाद एक रॉकेट चरण में खराबी के कारण, अंतरिक्ष यान शुक्र की ओर अपनी यात्रा शुरू करने के लिए आवश्यक गति प्राप्त करने में विफल रहा और पृथ्वी की एक अण्डाकार कक्षा (elliptical orbit) में फंस गया।
एक लंबी, अनियोजित यात्रा
अपनी कक्षा में फंसने के बाद, Kosmos 482 ने अगले 53 वर्षों तक पृथ्वी का चक्कर लगाया। वायुमंडलीय खिंचाव (atmospheric drag) के कारण इसकी कक्षा धीरे-धीरे कम होती गई, और खगोलविद और अंतरिक्ष एजेंसियां इसके अंतिम पुनः प्रवेश पर नज़र रखे हुए थे। इस अंतरिक्ष यान का वजन लगभग 495 किलोग्राम (1,190 पाउंड) था और इसका व्यास लगभग 1 मीटर (3.3 फीट) था। चूंकि इसे शुक्र के कठोर वातावरण का सामना करने के लिए बनाया गया था, इसलिए इसमें एक मजबूत हीट शील्ड थी, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा था कि इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा पृथ्वी के वायुमंडल में जलने से बच सकता है।
नाटकीय पुनः प्रवेश
विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियों और ट्रैकर्स द्वारा कई दिनों तक इसके पुनः प्रवेश के समय और स्थान की भविष्यवाणियां की जा रही थीं। अंततः, 10 मई 2025 को Kosmos 482 ने पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश किया। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी Roscosmos (रॉसकॉसमॉस) के अनुसार, यह भारतीय समयानुसार सुबह के समय (लगभग 06:24 GMT) इंडोनेशिया के जकार्ता के पश्चिम में हिंद महासागर में गिरा।
पुनः प्रवेश के अंतिम क्षणों में, इटली में वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट के खगोलशास्त्री जियानलुका मासी (Gianluca Masi) ने रोम के ऊपर से गुजरते हुए Kosmos 482 की एक तस्वीर खींची, जिसमें यह एक चमकदार धारी के रूप में दिखाई दे रहा था।
अंतरिक्ष कबाड़ और भविष्य की चिंताएं
Kosmos 482 का पतन पृथ्वी की कक्षा में बढ़ते अंतरिक्ष कबाड़ (space junk) की समस्या पर भी प्रकाश डालता है। दशकों से लॉन्च किए गए हजारों उपग्रहों और रॉकेट चरणों के अवशेष हमारी कक्षा में घूम रहे हैं, जो सक्रिय उपग्रहों और भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए खतरा पैदा करते हैं। हालांकि अधिकांश छोटा कबाड़ वायुमंडल में प्रवेश करते ही जल जाता है, Kosmos 482 जैसे बड़े और मजबूत टुकड़े सतह तक पहुंच सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे अंतरिक्ष यातायात बढ़ेगा, इस तरह के अनियंत्रित पुनः प्रवेश की घटनाएं भी बढ़ेंगी। यह न केवल जमीन पर संभावित नुकसान का जोखिम पैदा करता है, बल्कि वायुमंडल में जलने वाले मलबे से होने वाले प्रदूषण पर भी चिंताएं बढ़ रही हैं।
निष्कर्ष
Kosmos 482 की कहानी अंतरिक्ष अन्वेषण की चुनौतियों और अप्रत्याशित परिणामों का एक दिलचस्प उदाहरण है। एक मिशन जो शुक्र पर उतरने के लिए था, उसने आधी सदी से अधिक समय पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए बिताया और अंततः एक नाटकीय ढंग से समाप्त हुआ। यह घटना हमें न केवल अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की सीमाओं की याद दिलाती है, बल्कि पृथ्वी की कक्षा को स्वच्छ और सुरक्षित रखने की हमारी जिम्मेदारी को भी रेखांकित करती है।
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(यह लेख उपलब्ध नवीनतम जानकारी और समाचार रिपोर्टों पर आधारित है।)